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कालसर्प योग व उसका निवारण | Kaalsarp Dosh

Post by - Pt. Mukesh Paliwal

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कालसर्प योग (Kaalsarp Dosh) व उसका निवारण -सबसे पहले यह जानना जरुरी है की कालसर्प दोष Kaalsarp Yog होता कैसे है? जब कुंडली में सभी ग्रह यानि सूर्य से शनि तक राहू और केतु के मध्य स्थित होते है, तो कालसर्प दोष होता है! कुंडली में 12 भाव यानि घर होते हैं उसी प्रकार से 12 प्रकार के कालसर्प दोष होते हैं -
1. अनंत कालसर्प दोष
2. कुलीक कालसर्प दोष
3. वासुकी कालसर्प दोष
4. शंखफल कालसर्प दोष
5. पदम् कालसर्प दोष
6. महापदम कालसर्प दोष
7. तक्षक कालसर्प दोष
8. कर्कोटक कालसर्प दोष
9. शंखनाद कालसर्प दोष
10. घटक कालसर्प दोष
11. विषधर कालसर्प दोष
12. शेषनाग कालसर्प दोष|
ये नाम क्रमश: इस प्रकार से हैं जैसे प्रथम भाव में राहू है तो नंबर 1 पर जो है अनंत कालसर्प नामक दोष अगर द्वितीय भाव में राहू है तो नंबर 2 पर जो है कुलीक कालसर्प नामक दोष इसी प्रकार से 12 प्रकार होते हैं|
कालसर्प दोष में सभी की अपनी अपनी मान्यता है कुछ मित्र तो केतु और राहू के मध्य स्थित ग्रहों को भी कालसर्प दोष मानते हैं, इसका भी नाम दे दिया राहू की तरफ से बनता है तो मुहं वाला और केतु की ओर से बनता है तो पूंछ वाला| जबकि ऐसा कुछ नही है राहू की ओर से जब ग्रह प्रारम्भ होते हैं उसी को कालसर्प दोष कहते हैं| अब बात आती है कि इससे होता क्या है? माना जाता है कि कालसर्प योग वाले जातक के जीवन में घोर संघर्ष रहता है| कहते हैं कि जातक जीवन भर अनेक प्रकार की कठिनाइयों से जूझता रहता है| और उसे सफलता जीवन में अंतिम में प्राप्त होती है|
ये तो बातें सही हें परन्तु क्या ये जाना कि ऐसा होता क्यूँ है? अब समझिये कालसर्प दोष का सही मतलब कालसर्प दोष क्या है? कालसर्प दोष एक तरह का आइना है जिसमें हम सुबह शाम अपनी शक्ल देखते हैं, उसी प्रकार का एक आइना है जो यह दिखाता कि आपने पिछले जन्म में बहुत पाप किये हैं, इस जीवन में संभल कर चलना कहीं पहले की तरह गलत कार्य ना करना| ये रही पहली बात, अब दूसरी बात जो इस जीवन में दुःख कष्ट जो मिल रहे हैं उसका भी कारण पूर्व जन्म में किये पापों का फल है| जिसके कारण इस जीवन में कष्ट भोगने पड़ते हैं| अब जरुरी है इसका निवारण जो सभी कहते हैं कि बहुत देर हो गई अबतो इसका निवारण बताओ| आज इसके निवारण के उपाय भी कई प्रकार के हो गये हैं| सभी कर्मकांडी ब्राह्मण इनके उपायों में लगे हुए हैं| मैं ये नहीं कह रहा कि उनके बताये रास्ते पर ना चलो, वह भी रास्ता ठीक है, लेकिन मैं जो निवारण बताने जा रहा हूँ वह बहुत ही सरल है| जो मैंने पहले बताया है कि कालसर्प दोष पूर्वजन्म के पाप का फल है तो इसका उपाय भी पाप को नष्ट करना ही है अगर आपके पूर्वजन्म के पाप नष्ट हो जाएँ तो इस योग का प्रभाव् भी ख़त्म हो जाता है|

पहला उपाय


पहला सरल उपाय गंगा नदी के किनारे 3 रात्री विश्राम और 3 रात्री विश्राम का मतलब तो समझते ही होंगे 3 दिन माँ गंगा की पूजा अर्चना| माँ गंगा के पास 3 दिन 3 रात्रि रहकर अपने इस जन्म के और पूर्वजन्म के पापों का प्रायश्चित करें| आपके पूर्व जन्म के पाप नष्ट हो जायेंगें|

दूसरा उपाय


दूसरा सरल उपाय प्रतिदिन शिवलिंग पर 1 लोटा जल अर्पित करें और 1 वेलपत्र अर्पित करें| शिवलिंग पर वेलपत्र अर्पित करने से पापों का नाश होता है|

तीसरा उपाय


तीसरा सरल उपाय अपने ग्रंथों में पांच अथर्वशीर्ष हैं जो पापों का नाश करते हैं उनमें से गणेश अथर्वशीर्ष और देव्याथर्वशीर्ष अधिक प्रभावशाली हैं और देव्याथर्वशीर्ष के पाठ मात्र से पांचो अथर्वशीर्ष का फल मिलजाता है, और इसके 10 बार पाठ करने से सभी पापों से मुक्ति मिल जाती है| देव्याथर्वशीर्ष दुर्गा सप्तशती की पुस्तक में है उसमें से आप पाठ कर सकते हैं|

चौथा उपाय


इसके अलावा 1 उपाय और है नागबलि देना| नागबलि का मतलब नाग को मारना नहीं है| नागबलि के लिए सबसे पहले आपको 1 सपेरे को ढूढना होगा उससे 1 सर्प के जोड़े को आजाद करना है| इसके लिए सपेरा आपसे पेसे मांगता है आप उसे पैसे देकर सर्प का पूजन करके उसे दूध पिलाकर निर्जन स्थान पर छोड़ आयें| बस इनमें से आपको जो भी उपाय आपको ठीक लगे उसे आप कर सकते हैं|


डिस्क्लेमर: यहां दी गई जानकारी ज्योतिष पर आधारित है तथा केवल सूचना के लिए दी जा रही है। Allsearch.in इसकी पुष्टि नहीं करता है। किसी भी उपाय को करने से पहले संबंधित विषय के एक्सपर्ट से सलाह अवश्य लें।